वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
जन्म जन्म के पाप नसावे। shiv chalisa lyricsl अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
Glory to Girija’s consort Shiva, who is compassionate into the destitute, who normally guards the saintly, the moon on whose forehead sheds its shiv chalisa lyricsl stunning lustre, and in whose ears are the pendants in the cobra hood.
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया